Chak Ghat Bajar

India / Madhya Pradesh / Suhagi /

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Coordinates:   25°2'17"N   81°43'50"E

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  • Kabhi dost kehte ho kabhi dua dete ho kabhi bewaqt neend se jaga dete ho par jab bhi sms karte ho khuda kasam..saare gum bhula dete ho, okby 9200573071
  • चला बालेन्दु छोली घास, हमका तोहका केव न पूछी चाहे कैलयो केतनौ पास!! अब ता सबकै है सुरछित जह देखा ओही आराछित ! डिग्री के सब बैलू घटी गै धरम न्याय से गा विस्वास!! चला बालेन्दु छोली घास ........... एकव जगह कहु भा खाली ओहुमा सब खेले चाली! नेता चाही आपन पिट्ठू, अफसर चाही आपन खास!! चला बालेन्दु छोली घास, हमका तोहका केव न पूछी चाहे कैलयो केतनौ पास
  • लल्लू कल मटरा बोई दीन, इतनी मेहनत परी भाय , अबकी धानी माँ रोई दीन ! जादा नहीं दुई बिस्सा तक हमारौ भाटा फूलान हबे ! लेकिन राजू सीचत सीचत पता नहीं काहें मुर्झान हबे !! आसव जो पला कोहिरा न मारय! कैसव साल बीत जाय अब एह से हमरौ हिम्मत हारय !! अब हमरे बस के नहीं रहा, हम जैसन पयान बोई दीन ! लल्लू कल मटरा बोई दीन,.............. एक दिन हमहू मटियारे गए रहे, देखा एकव नहीं जाम रहा ! मेडे माँ कक्का मिला रहे, देखा हम पगलाय रहा !! फिर कैसव मैसव घर आवा एक दुई ठे रोटी खाय लीन ! लल्लू कल मटरा बोई दीन,.................... इतनी मेहनत परी भाय अबकी धानी माँ रोई दीन !!
  • हमारौ गांव अमाँव है, बेलन नदी के तीर, बेलन नदी के नीर से निर्मल होंत सरीर! निर्मल होंत सरीर नीर से अति सुख पाबय, भरी सभा माँ आशीष आज अब कबिता गाबय!! कवि:~ { जुगनू जी } 09200573071
  • साजि बोल बम आज अंग में उमंग धारि , कावड काँधे में लेकर एक डोर ही चलत है !! लाल पीले वस्त्र पहने बोलबम गाते हुए , सभी एक साथ शिवधाम ही चलत है !! गली गली डगर डगर चिलम चटक रही , भोले भक्त बोलबम बोलबम जपत है !! अंग भंग मन उमंग फिर भी यात्रा में संग , मन में मन्नते लिए शिवधाम चले जात है !! भोले भक्तो के ऊपर इस तरह कृपा हुई , भक्त मद मस्त हुए कावड काँधे में लिए , बोलबम बोलबम बोलबम ज़ात है !! [कवि आशीष तिवारी ]
  • आदमी हो आदमी को प्यार की सौगात दो , अगर कुछ भी दे सको तो एक मीठी बात दो !! एक मीठी बात से दुनिया का दुःख हर सक्ते हो तुम , आदमी तो आदमी है जानवर भी हिलाते है दुम !! प्रेम बारिस के लिए तुम आज मेरा साथ दो , आदमी हो आदमी को प्यार की सौगात दो !! प्यार मर सक्ता नहीं चाहे काट दो तलवार से , प्यार करने को कहा हर संत ने संसार से !! जो तुम्हे अपना बना ले उसे जी भर प्यार दो , आदमी हो आदमी को प्यार की सौगात दो ! अगर कुछ न दे सको तो एक मीठी बात दो !! प्रेम के कारण ही परम सत्ता चली आई यहाँ , प्रेम के कारन मीरा जी ने विकट कस्टो को सहा !! आदमी हो आदमी को एक सुरीली साज दो , अगर कुछ न दे सको तो एक मीठी बात दो !! प्यार से दुनिया है देखो प्यार से परिवार है , प्यार जिसको है नहीं वह जिन्दगी धिक्कार है !! ठूठ सा जीवन हुआ है चिकना रसीला पात दो , आदमी हो आदमी को प्यार की सौगात दो , अगर कुछ न दे सको तो एक मीठी बात दो !! [ कवि आशीष तिवारी ]
  • आ जाती जब रोड में बस , हो जाती फिर उसमे रस !! बिना टिकट के यात्रा करते , कंडेक्टर सब हमसे डरते !! रीवा चाक सोनौरी चलती , ऊपर नीचे पूरी हलती !! रोज शाम को लेते पैसा , महुआ रानी रम के जैसा !! पैसेंजर को ख़ूब सताते , अपने खोर कुकुर गुर्राते !! होइगा एक दिन हाथापाई , लल्लू तोहसे बात बताई !! ऊपर से नीचे तक कचरन , थाने म हम जाय के बकरन !! गलती रही हमारै भाय , दुनिया दारी भाड़ म जाय !! चार दिना के गुंडा गर्दी , रोज साम के लागय हर्दी !! बाप महतारी बहुतै डाटा , टूटे हाथ म सेका भाटा !! पुत्र नहीं शनीचर होइगा , गुनडन के या टीचर होइगा !! बाप के डंडा एक दिन बाज , हटिगै सलगी खाऊरा खाज !! बिना बताये छोड़न गावं , कहु मिलय न हमका छावं !! सोच सोच के लगी पछताने, का वारसा जब क्रिसी सुखाने !! कैसव मिली नोकरी भाय , देय लगे सब अपनी राय !! बेटा तेरी उम्र है, पढ़ने की , क्या जरुरत थी, लड़ने की !! एक महीना काट के दादू चले जा अपने देस , माँ बाप की सेवा करना कभी न करना केस !! कैसव मैसव दिनबा काटन हमरौ मिला पगार , ऋण कर्जा सब काट कूट के बचिगा एक हजार !! घर पहुचे तब मम्मी रोये , टूटी खाट माँ जब हम सोये !! स्वर्ग यही है अपने घर में , पुत्र वही जो अपने पर में !! फिर हमने संकल्प लिया , गुंडागर्दी सब छोड़ दिया !!! [कवी- आशीष तिवारी ] 9200573071
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