चित्तौरगढ़ (चित्तोड़) रानी पद्मिनी महल (चित्तौड़गढ़)
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Rajasthan /
Chittaurgarh /
चित्तौड़गढ़ /
Chittorgarh Fort
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जगत / भारत / राजस्थान / Chittaurgarh
महल, ऐतिहासिक इमारत
रानी पद्मिनी, चित्तौड़ की रानी थी। रानी पद्मिनि के साहस और बलिदान की गौरवगाथा इतिहास में अमर है। सिंहल द्वीप के राजा गंधर्व सेन और रानी चंपावती की बेटी पद्मिनी चित्तौड़ के राजा रतनसिंह के साथ ब्याही गई थी। रानी पद्मिनी बहुत खूबसूरत थी और उनकी खूबसूरती पर एक दिन दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी की बुरी नजर पड़ गई।[1] अलाउद्दीन किसी भी कीमत पर रानी पद्मिनी को हासिल करना चाहता था, इसलिए उसने चित्तौड़ पर हमला कर दिया। रानी पद्मिनी ने आग में कूदकर जान दे दी, लेकिन अपनी आन-बान पर आँच नहीं आने दी। ईस्वी सन् १३०३ में चित्तौड़ के लूटने वाला अलाउद्दीन खिलजी था जो राजसी सुंदरी रानी पद्मिनी को पाने के लिए लालयित था। श्रुति यह है कि उसने दर्पण में रानी की प्रतिबिंब देखा था और उसके सम्मोहित करने वाले सौंदर्य को देखकर अभिभूत हो गया था। लेकिन कुलीन रानी ने लज्जा को बचाने के लिए जौहर करना बेहतर समझा
आसपास के शहर:
ध्रुवीय निर्देशांक: 24°52'45"N 74°38'44"E
- चंद्रावत महल 92 कि.मी.
- तारागढ़ दुर्ग 118 कि.मी.
- कोटा गढ़ सिटी पैलेस 124 कि.मी.
- जय महल पैलेस होटल 254 कि.मी.
- नाहरगढ़ फोर्ट - किला 258 कि.मी.
- आमेर /अंबर किला - 264 कि.मी.
- तालाब-ए-शाही 358 कि.मी.
- Junagarh Fort 374 कि.मी.
- डीग महल परिसर 393 कि.मी.
- गोहद क़िला 418 कि.मी.
- कालिका मंदिर 0.3 कि.मी.
- चित्तोड्गढ़ दुर्ग 0.3 कि.मी.
- भीम कुंड 0.4 कि.मी.
- हाथी कुण्ड 0.7 कि.मी.
- मृग-वन दुर्ग 1.7 कि.मी.
- आर्य गुरुकुल चित्तौडगढ 2.2 कि.मी.
- चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन 2.2 कि.मी.
- नेहरू पार्क 2.4 कि.मी.
- RISHB DAV NAGAR 2.5 कि.मी.
- मोहरा मगरी - अशर्फी टेकरी 2.6 कि.मी.