श्री आदिवीर विद्याश्री अन्तर्राष्ट्रीय चैरिटेबिल ट्रस्ट

India / Uttar Pradesh / Hastinapur / Pandvaan, Ramraaj Road, Hastinapur
 temple, ashram, math (Hinduism / Jainism), place of worship, Jain temple / derasar
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25 जून 2004 में राष्ट्र सन्त विद्यानन्द जी के आशीर्वाद से इस आश्रम की स्थापना हुई। (4 जुलाई 2004 में चातुर्मास में सानिध्य था) उपसर्ग जननी गुरू माँ प. पू. गणिनी आर्यिका विद्या श्री माता जी एवं प. पू. आर्यिका रत्न विधा श्री माता जी का इस आश्रम रूपी रथ संचालन किया। निड़र-अटल-साहसी, धर्मवान-बलवान निर्भीक बा. ब्र. इन्द्र कुमार भईया जी ने और इसमें सहभागी बनी पुरूषों के समान पौरूष करने वाली गुरू भक्तया व व्यावृत्ति श्रेष्ठनी गुरू माँ की चरण चंचरिका आज्ञा पालनी, निड़र, साहसी धर्म समाज सेविका बा. ब्र. रजनी (रज्जो दीदी), बा. ब्र. रजनी दीदी व बा. ब्र. संध्या दीदी।

इन छयो के अथक प्रयास से यह कर्म को छय करने वाला वृक्ष रूपी आश्रम तैयार किया गया जो धीरे-धीरे पुष्पों और फलों से सुशोभित होता हुआ आज विशाल रूप ले रहा है। जिसमें एक ऐसे प्रारूप की परिकल्पना की गई जिसमें सर्व प्रथम ” श्री आदिवीर विद्या श्री अन्तर्राष्ट्रीय ट्रस्ट “ की स्थापना सन् 2006 में की गई। जिसके तहत पूरे विश्व को परिवार की तरह बनाने के लिये ” अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा परिवार “ का रूप निकलकर सामने आया। जिसकी शुरूआत बड़े ही शान्ति पूर्ण और कम खर्चे से बहुत छोटे रूप शनैः शनैः की जा रही है और एक ” अपना परिवार “ का नाम की एक नई खोज सामने प्रकट हुई जिसमें गरीब और बेरोजगारों का कार्य उनकी पढ़ाई, उनकी क्षमता, उनकी प्रकृति के अनुसार कार्य करने एवं संस्कार, संस्कृति और राष्ट्र के प्रति जागरण प्राथमिकता का सद्भाव के साथ कार्य करना।

और चले थे अकेले, कारवाँ बनता गया। इसके साथ इस ट्रस्ट रूपी वक्ष के द्वारा समय - समय पर उसकी शाखाएँ फैलती चली गयी और एक छोटी सी संस्था धर्म, समाज और राष्ट्र के कार्य करने में पूर्ण समर्थ हो आगे बढ़ने लगी। और अग्रलिखित अनेकों योजनाएँ प्रारम्भ हुई और अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा परिवार का रूप निखर सामने आया।
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Coordinates:   29°9'35"N   78°0'47"E
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