Kurukshetra

India / Haryana / Thanesar /
 city, place with historical importance, hindu temple, taluka headquarter, district headquarter

Tehsil Kurukshetra, District Kurukshetra, Haryana.

Kurukshetra is a city in Kurukshetra district in the state of Haryana, India. It is the administrative headquarters of Kurukshetra district.

The importance of the place is attributed to the fact that the Kurukshetra War of the Mahabharata was fought on this land and the Bhagavad Gita was preached here during the war when Lord Krishna found Arjuna in a terrible dilemma.

Please read wikipedia article for more information and history of this ancient city.
Nearby cities:
Coordinates:   29°57'54"N   76°51'16"E

Comments

  • great place.
  • awesome city must travel a huge education hub and a big non industrial religeous and holy place............
  • Like the city
  • आज 15 सितम्बर 2013 को जब कि मै 7 साल की हो गई हूँ ,मै अपने पापा अरुण पाराशर की बताई हुई इन सभी बातों को आप के साथ बाँट रही हूँ। मेरे पापाजी ने बारना ग्राम के इतिहास की जानकारियाँ इकट्ठी करके जो दो पुस्तके लिखी हुई है, वे आने वाली पीढियों को सँवारने का काम करेंगी। मेरे इस प्यारे गाँव के साथ लगते सभी 6 ग्राम भी मेरे ही गाम है। घराडसी, झीन्झरपुर, हथीरा ,बारवा, किरमिच तथा कमोदा --_इन सभी ग्रामो की सीमा मेरे गाम बारना की जमीन से मिलती है। बारना ग्राम का यह सौभाग्य है कि केवल अढ़ाई किलो मीटर दूरी पर ही 100 वर्ष से भी अधिक पुराना रेलवे स्टेशन स्थित है। एक तरफ रायसन , एक तरफ खानपुर और एक तरफ भैंसी माज़रा एवम अनेक छोटे -बड़े डेरे बारना ग्राम को केन्द्र में रखते है। भाखड़ा नहर के ज्योतिसर में बने सरस्वती फीडर से निकलने वाले राजबाहे को पापा बहुत प्यार करते है। इसे पबनावा माइनर कहा जाता है। गाम के खेतों में सिंचाई करने वाले इस राजबाहे के ऊपर हमारे गाम के दो रास्तो पर पुल बने है। किरमिच और हथीरा के रास्तों वाले इन पुलों के बीच में ही हमारी खेती की जमीन है। पं० भिक्षा राम जी अपने समय के भारत के सुप्रसिद्ध संस्कृत-विद्वान् थे। उनके ही प्रयत्न और पुण्य -प्रताप से ही हमारे यहाँ वैभव है। उनके प्रति सदैव कृतज्ञ है हम। ऐसे अक्सर पापा हमें बताया करते है।दस पीढ़ियों तक जिनके पूर्वजों ने वेद -शास्त्रों को पढाया परन्तु पिता का साया जल्दी उठ जाने के कारण भिक्षा राम जी को शिक्षा के लिए प्रारम्भ में बड़ी कठिनाई हुई। पर संघर्ष शील बालक ने पड़ोस के ही गाम की घरेलु संस्कृत पाठशाला में पण्डित श्री रामचन्द्र जी से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की। इसी कारण हथीरा गाम भी हमारे लिए आदरणीय है। घराडसी तो हमारा पूर्व गाम है। == ये सब बाते मैने पापा से ही सुनी है नहीं तो भला मै सात साल की छोटी बच्ची क्या जानु।
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