Hamirpur Fort
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This is the village which belongs to the royal jagirdar late Thakur kishan singh sa, He had two sons Nahar singh sa and Devi singh sa and daughters Thakur Nahar Singh sa gs/o Thakur Moti Singh sa surtanot got the gaddi of thikana Hamirpur after Thakur Kishan singh sa.This village had a lot of wars.Hamirpur had 12 villages under its constituency till 1952. Still the village is known as jageer of the Surtanot rajawat (Kachawha)family. there are very popular and historical places to visit such as bisalapur dam,tordi sagar, una maa temple, bavdi maa temple, kachriya balaji temple and famous hadi rani ki chatariya and bavadis.Still the royal family resides in jaipur .Late Thakur sa Narendra Singh Ji Rajawat reside in Hamirpur House at Sanganer jaipur. which is well known as a land mark in sanganer .The other family members of Hamirpur Thikana also reside in other parts of jaipur.The Hamirpur garh is suited on The state high way Jhirana to Todaraisingh Near a river.The 17th king of Amer Raja Prithiraj singh ji had 19 sons.One of them was shree surtan singh ji , He got the estate(Jageer) of Surooth. The descendants of king surtan singh ji were called 'Surtanot" (Rajawat) The other state(Thikana) of Surtanot's were Jhirana,Banthali,HAMIRPUR,Khatava,Hodayali and Chandasen.The surtanot also got two village fom Bikaner 'The Hamirpur' was a powerful and rich state( jageer) of its time.The palaces (Mahel)still are very beautyful. The palaces (Mahel) were decorated with mugal and rajpoot time painting on its walls.The Hamirpur garh had a big door(mukhya dwar) for entry .The garh is in the middle of the Hamirpur village on hight .Thare was a deep ditch around it for its safity. it has a history of brave rajpoot ruler..Late Thakur Narendra singh Surtanot was very kind and humble person.He has four sons and a daughter.Thakur Narendra Singh sa was married at Ahore with princess Krishana Kanwer Champawat who belong to a royal family. Thakur Narendra singh Surtanot's Royal brothers are Thakur Jayendra singh sa,Thakur Surendra singh sa, Thakur Bhawani singh sa, Thakur Shivmahendra singh sa, Late Thakur Bhagirath singh sa .Thakur Sher singh sa.The Grand sons of Late Thakur Naher Singh sa Surtanot 's are kunwar Vanspradeep singh ,Thakur kuldeep singh,Kunwar Bhopal singh,Thakur Rajendra singh sa,Kunwar Bhagwat singh,Thakur Chandraveer Singh sa, Thakur Niranjan singh sa,Kunwar Prithivi singh,Kunwar Ranveer singh, Thakur Manvendra singh sa and kunwar Kalyan singh.Thakur Kuldeep singh sa Rajawat is Present time jageerdar of thikana Hamirpur.
यह गांव जागीरदार स्वर्गीय ठाकुर साहब श्री किशन सिंह सुरतानोत की जागीर था ! उनके दो पुत्र रत्नो ने जन्म लिया था क्रमश : नाहर सिंह जी और देवी सिंह जी ! ठाकुर नाहर सिंह जी जो की स्वर्गीय ठाकुर मोती सिंह जी सुरतानोत के पोते थे ! उन्होंने अपने पिता ठाकुर साहब श्री किशन सिंह जी सुरतानोत के स्वर्गवास होने के बाद हमीरपुर की जागीर की राज गद्दी सम्हाली थी ! इस गांव ने उस समय अंग्रेजो के खिलाफ आजादी की कई लड़ाईया बहादुरी के साथ लड़ी पर अपने मान सम्मान पर जरा सी भी आंच नहीं आने दी ! आजादी के बाद सन 1952 तक इस गांव के अधीन 12 गांवो की जागीर थी ! आज भी यह गांव सुरतानोत राजावतो की जागीर के नाम से आस पास के ठिकानो में मान सम्मान की नज़र से देखा व जाना जाता हैं ! हमीरपुर गढ़ आज भी अच्छी अवस्था में झिराना से टोडाराय सिंह राज्य राजमार्ग पर एक नदी के पास स्तिथ हैं ! यह गांव चारों और से प्राचीन बावड़ियों मंदिरो और ताल तलैयों से घिरा हुआ हैं ! गांव के पास ही एक बहुत बड़ा तालाब हैं ! यह तालाब बरसात के मौसम में लबालब भर जाता हैं ! गांव के पास ही काचरिया गांव में चमत्कारी बालाजी का मंदिर हैं तथा पास ही टोरडी गांव के पास उना माता जी का मंदिर तथा बावड़ी माता जी का मंदिर है ! प्रसिद्ध बीसलपुर बांध तथा टोडाराय सिंह की नो हाथ के छज्जे की छतरिया व बावडिया हैं ! पास ही टोरडी सागर हे ! ये सभी दर्शनीय व पर्यटक स्थल हैं ! टोरडी गांव में एक हेरिटेज होटल हैं ! आज भी इस राज परिवार के वंसज हमीरपुर के अलावा जयपुर राजस्थान में निवास करते हैं ! स्वर्गीय ठाकुर साहब श्री नरेंद्र सिंह जी राजावत के चारो पुत्र जयपुर शहर के उप नगर सांगानेर में पुरे मान और सम्मान के साथ हमीरपुर हाउस में रहते हैं ! हमीरपुर हाउस आज सांगानेर में एक जाना पहचाना नाम हैं ! इतिहास के आधार पर यह माना जाता हैं की आमेर के सत्रवें राजा श्री पृथिवी राज सिंह जी के 19 बेटे थे ! उनमे से एक पुत्र श्री सुरतन सिंह जी थे ! श्री सुरतन सिंह जी को सूरौठ की जागीर मिली थी ! श्री सुरतन सिंह जी के वंसज ही आगे चल कर सुरतानोत कहलाये ! सुरतानोतो की अन्य जागीरे झिराना,बंथली,हमीरपुर,खटवा, होदायलि और चांदसेन थे ! सुरतानोतो को बीकानेर से भी दो जागीरे मिली थी ! उस समय हमीरपुर आस पास के ठिकानो में सबसे धनि व शक्तिशाली जागीर के रूप में के रूप में जाना जाता था ! आज भी हमीरपुर गढ़ और उसके महल उस समय की इसकी भव्यता की तस्वीर प्रस्तुत करते हैं ! गढ़ के महलो की दीवारो को मुग़ल काल व राजपूत काल की चित्र शैली से सजाया गया था ! इस गढ़ के चारों और एक गहरी खाई और एक ऊँची व मजबूत प्राचीर थी जो गढ़ को दुस्मनो से सुरक्षा प्रदान करती थी ! जो आज भी कुछ हद तक मौजूद हैं ! गढ़ में प्रवेश केवल एक ही विशाल द्वार से ही कर सकते थे ! इस द्वार के ठीक सामने भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है ! गढ़ 13 बीघा जमीन में फैला हुआ हैं ! इसे दो भागो में बांटा गया है ! एक भाग मरदाना महल तथा दूसरा भाग जनाना महल के नाम से जाना जाता हे ! मरदाना महल में उस समय राज दरबार लगता था ! गांव की भलाई के लिए व न्याय करने के लिए समय समय पर राज दरबार लगाया जाता था ! जबकि जनाना महल में केवल राज परिवार के सदस्यों को ही भीतर जाने की इजाजत थी ! राज परिवार की रानिया आज भी गणगौर का त्योंहार पुरे रिति रिवाज़ व शानो-शौकत से मनाती हैं जिसमे गांव की महिलाओ को भी भाग लेने की अनुमति दी जाती हैं और उस समय माँ गौरी के सामने छोटे बड़े का भेद भुला कर सभी समान हो जाते हैं ! जनाना भाग के मुख्ये द्वार के पास माता जी का एक प्राचीन मंदिर है ! जंहा केवल राज परिवार के सदस्यों को ही पूजा अर्चना करने की इजाजत थी ! उस समय यंहा नवरात्रों में पुरे नो दिनों तक भव्य उत्सव का आयोजन किया जाता था ! जिसे आज भी उसी प्रकार मनाये जाने का प्रयास पूरा किया जाता हैं ! इस उत्सव में सभी 12 गांवो की प्रजा को दर्शन करने की अनुमति दी जाती थी ! हमीरपुर गढ़ हमीरपुर गांव के बीचो बीच स्तिथ हैं ! गांव में कई प्राचीन बावडिया व तालाब हैं जो आज भी बरसात के दिनों में पानी से लबालब भर जाते है ! स्वर्गीय ठाकुर साहब श्री नरेंद्र सिंह जी राजावत (सुरतानोत) बहुत ही विनम्र व दयालु प्रवर्ति के इंसान थे ! वे हमेशा दुसरो की सेवा व मदद को तत्पर रहते थे ! ठाकुर नरेंद्र सिंह जी का विवाह मारवाड़ के आहोर राज्य के राजा की बेटी राजकुमारी कृष्णा कँवर चांपावत के साथ हुआ था ! उनसे उन्हें चार पुत्र रत्नं कुलदीप सिंह, राजेंद्र सिंह, चंद्रवीर सिंह, निरंजन सिंह व एक पुत्री प्रभा कँवर ने जनम लिया था ! ठाकुर साहब के अन्य भाई श्री ठाकुर जयेंद्र सिंह जी , ठाकुर सुरेन्द्र सिंह जी, ठाकुर भवानी सिंह जी, ठाकुर शिव महेंद्र सिंह जी, स्वर्गीय ठाकुर भागीरथ सिंह जी, ठाकुर शेर सिंह जी हैं ! ठाकुर नाहर सिंह जी के पोते ठाकुर कुलदीप सिंह जी (वर्त्तमान जागीरदार) कुंवर वंशप्रदीप सिंह, कुंवर भोपाल सिंह, ठाकुर राजेंद्र सिंह जी, कुंवर भगवत सिंह, ठाकुर चंद्रवीर सिंह जी, ठाकुर निरंजन सिंह जी, कुंवर पृथ्वी सिंह, कुंवर रणवीर सिंह, ठाकुर मानवेन्द्र सिंह जी और कुंवर कल्याण सिंह हैं !
यह गांव जागीरदार स्वर्गीय ठाकुर साहब श्री किशन सिंह सुरतानोत की जागीर था ! उनके दो पुत्र रत्नो ने जन्म लिया था क्रमश : नाहर सिंह जी और देवी सिंह जी ! ठाकुर नाहर सिंह जी जो की स्वर्गीय ठाकुर मोती सिंह जी सुरतानोत के पोते थे ! उन्होंने अपने पिता ठाकुर साहब श्री किशन सिंह जी सुरतानोत के स्वर्गवास होने के बाद हमीरपुर की जागीर की राज गद्दी सम्हाली थी ! इस गांव ने उस समय अंग्रेजो के खिलाफ आजादी की कई लड़ाईया बहादुरी के साथ लड़ी पर अपने मान सम्मान पर जरा सी भी आंच नहीं आने दी ! आजादी के बाद सन 1952 तक इस गांव के अधीन 12 गांवो की जागीर थी ! आज भी यह गांव सुरतानोत राजावतो की जागीर के नाम से आस पास के ठिकानो में मान सम्मान की नज़र से देखा व जाना जाता हैं ! हमीरपुर गढ़ आज भी अच्छी अवस्था में झिराना से टोडाराय सिंह राज्य राजमार्ग पर एक नदी के पास स्तिथ हैं ! यह गांव चारों और से प्राचीन बावड़ियों मंदिरो और ताल तलैयों से घिरा हुआ हैं ! गांव के पास ही एक बहुत बड़ा तालाब हैं ! यह तालाब बरसात के मौसम में लबालब भर जाता हैं ! गांव के पास ही काचरिया गांव में चमत्कारी बालाजी का मंदिर हैं तथा पास ही टोरडी गांव के पास उना माता जी का मंदिर तथा बावड़ी माता जी का मंदिर है ! प्रसिद्ध बीसलपुर बांध तथा टोडाराय सिंह की नो हाथ के छज्जे की छतरिया व बावडिया हैं ! पास ही टोरडी सागर हे ! ये सभी दर्शनीय व पर्यटक स्थल हैं ! टोरडी गांव में एक हेरिटेज होटल हैं ! आज भी इस राज परिवार के वंसज हमीरपुर के अलावा जयपुर राजस्थान में निवास करते हैं ! स्वर्गीय ठाकुर साहब श्री नरेंद्र सिंह जी राजावत के चारो पुत्र जयपुर शहर के उप नगर सांगानेर में पुरे मान और सम्मान के साथ हमीरपुर हाउस में रहते हैं ! हमीरपुर हाउस आज सांगानेर में एक जाना पहचाना नाम हैं ! इतिहास के आधार पर यह माना जाता हैं की आमेर के सत्रवें राजा श्री पृथिवी राज सिंह जी के 19 बेटे थे ! उनमे से एक पुत्र श्री सुरतन सिंह जी थे ! श्री सुरतन सिंह जी को सूरौठ की जागीर मिली थी ! श्री सुरतन सिंह जी के वंसज ही आगे चल कर सुरतानोत कहलाये ! सुरतानोतो की अन्य जागीरे झिराना,बंथली,हमीरपुर,खटवा, होदायलि और चांदसेन थे ! सुरतानोतो को बीकानेर से भी दो जागीरे मिली थी ! उस समय हमीरपुर आस पास के ठिकानो में सबसे धनि व शक्तिशाली जागीर के रूप में के रूप में जाना जाता था ! आज भी हमीरपुर गढ़ और उसके महल उस समय की इसकी भव्यता की तस्वीर प्रस्तुत करते हैं ! गढ़ के महलो की दीवारो को मुग़ल काल व राजपूत काल की चित्र शैली से सजाया गया था ! इस गढ़ के चारों और एक गहरी खाई और एक ऊँची व मजबूत प्राचीर थी जो गढ़ को दुस्मनो से सुरक्षा प्रदान करती थी ! जो आज भी कुछ हद तक मौजूद हैं ! गढ़ में प्रवेश केवल एक ही विशाल द्वार से ही कर सकते थे ! इस द्वार के ठीक सामने भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है ! गढ़ 13 बीघा जमीन में फैला हुआ हैं ! इसे दो भागो में बांटा गया है ! एक भाग मरदाना महल तथा दूसरा भाग जनाना महल के नाम से जाना जाता हे ! मरदाना महल में उस समय राज दरबार लगता था ! गांव की भलाई के लिए व न्याय करने के लिए समय समय पर राज दरबार लगाया जाता था ! जबकि जनाना महल में केवल राज परिवार के सदस्यों को ही भीतर जाने की इजाजत थी ! राज परिवार की रानिया आज भी गणगौर का त्योंहार पुरे रिति रिवाज़ व शानो-शौकत से मनाती हैं जिसमे गांव की महिलाओ को भी भाग लेने की अनुमति दी जाती हैं और उस समय माँ गौरी के सामने छोटे बड़े का भेद भुला कर सभी समान हो जाते हैं ! जनाना भाग के मुख्ये द्वार के पास माता जी का एक प्राचीन मंदिर है ! जंहा केवल राज परिवार के सदस्यों को ही पूजा अर्चना करने की इजाजत थी ! उस समय यंहा नवरात्रों में पुरे नो दिनों तक भव्य उत्सव का आयोजन किया जाता था ! जिसे आज भी उसी प्रकार मनाये जाने का प्रयास पूरा किया जाता हैं ! इस उत्सव में सभी 12 गांवो की प्रजा को दर्शन करने की अनुमति दी जाती थी ! हमीरपुर गढ़ हमीरपुर गांव के बीचो बीच स्तिथ हैं ! गांव में कई प्राचीन बावडिया व तालाब हैं जो आज भी बरसात के दिनों में पानी से लबालब भर जाते है ! स्वर्गीय ठाकुर साहब श्री नरेंद्र सिंह जी राजावत (सुरतानोत) बहुत ही विनम्र व दयालु प्रवर्ति के इंसान थे ! वे हमेशा दुसरो की सेवा व मदद को तत्पर रहते थे ! ठाकुर नरेंद्र सिंह जी का विवाह मारवाड़ के आहोर राज्य के राजा की बेटी राजकुमारी कृष्णा कँवर चांपावत के साथ हुआ था ! उनसे उन्हें चार पुत्र रत्नं कुलदीप सिंह, राजेंद्र सिंह, चंद्रवीर सिंह, निरंजन सिंह व एक पुत्री प्रभा कँवर ने जनम लिया था ! ठाकुर साहब के अन्य भाई श्री ठाकुर जयेंद्र सिंह जी , ठाकुर सुरेन्द्र सिंह जी, ठाकुर भवानी सिंह जी, ठाकुर शिव महेंद्र सिंह जी, स्वर्गीय ठाकुर भागीरथ सिंह जी, ठाकुर शेर सिंह जी हैं ! ठाकुर नाहर सिंह जी के पोते ठाकुर कुलदीप सिंह जी (वर्त्तमान जागीरदार) कुंवर वंशप्रदीप सिंह, कुंवर भोपाल सिंह, ठाकुर राजेंद्र सिंह जी, कुंवर भगवत सिंह, ठाकुर चंद्रवीर सिंह जी, ठाकुर निरंजन सिंह जी, कुंवर पृथ्वी सिंह, कुंवर रणवीर सिंह, ठाकुर मानवेन्द्र सिंह जी और कुंवर कल्याण सिंह हैं !
Nearby cities:
Coordinates: 26°10'42"N 75°34'5"E
- Kalyanpura kurmiyan 11 km
- Borkhani Kala 18 km
- Peeplu 20 km
- Soda Village, Rajasthan 26 km
- Bambori 28 km
- Bamor 29 km
- Borkhandi Kalan 30 km
- village kirawal kanhaiya lal chatriwale..... 32 km
- Nsirda Village 33 km
- Bajta, Ajmer 47 km
- lamby 8.2 km
- Chabrana 14 km
- Tordisagar Dam 18 km
- Lawa Chhoti Talai 19 km
- Chandsen Dam 22 km
- Lava Dam 22 km
- Diggi 26 km
- lawa fort 26 km
- bhagchand bairwa beedganwar 28 km
- Pond 34 km
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