नगरघड़ी (रायपुर)

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ह धुनें नगरघड़ी में बजती हुई छत्तीसगढ़ की लोकधुनों से आम आदमी का परिचय कराती है.रायपुर की नगरघड़ी में चौबीस घंटे चौबीस धुनें बजती है। सुबह सुबह 4:00 बजे – जसगीत, 5:00 बजे – रामधुनी, 6:00 बजे – भोजली, 7:00 बजे - पंथी नाचा, 8:00 बजे – ददरिया, 9:00 बजे – देवार, 10:00 बजे – करमा, 11:00 बजे – भड़ौनी, दोपहर 12:00 बजे - सुआ गीत, 1:00 बजे – भरथरी, 2:00 बजे - डंडा नृत्य, 3:00 बजे – चंदैनी, 4:00 बजे – पंडवानी, सांयः 5:00 बजे - राऊत नाचा, 6:00 बजे – सरहुल, 7:00 बजे – आल्हा, रात 8:00 बजे - गौरा गीत, 9:00 बजे - गौर नृत्य, 10:00 बजे – धनकुल, 11:00 बजे – नाचा, 12:00 बजे - बांस गीत, 1:00 बजे - कमार गीत, 2:00 बजे - फाग गीत, 3:00 बजे - सोहर गीत की धुनें नगरघड़ी सुनाती है।

नगरघड़ी में छत्तीसगढ़ की 24 लोकधुनों को संयोजित कर लोक संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में किया गया प्रयास शायद पूरे विश्व में एक अनूठा है. नगरघड़ी में हर घंटे बजने वाली लोकधुन पूरे छत्तीसगढ़ राज्य की लोक संस्कृति की अभिव्यक्ति है.
आसपास के शहर:
ध्रुवीय निर्देशांक:   21°14'41"N   81°38'34"E
  •  36 कि.मी.
  •  281 कि.मी.
  •  359 कि.मी.
  •  395 कि.मी.
  •  406 कि.मी.
  •  421 कि.मी.
  •  436 कि.मी.
  •  456 कि.मी.
  •  558 कि.मी.
  •  908 कि.मी.
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